कोरोना महामारी के बीच डॉक्टर रेड्डीज़ लैब ने घोषणा की है कि एंटी-कोविड मेडिसन, 2डीजी का कॉमर्शियल-लॉन्च जून के महीने के मध्य से शुरू होने की संभावना है. लैब के मुताबिक, तब तक 2डीजी दवा का असल रेट भी सामने आ जाएग और देश के प्रमुख सरकारी और प्राईवेट हॉस्पिटल्स में ये दवा मिलनी शुरू हो जाएगी. आपको बता दें कि अभी तक ये दवा दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल और डीआरडीओ के कोविड हॉस्पिट्ल्स में ही उपलब्ध है.
हैदाराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डीज़ लैब ने मिडीया के सवालों पर जवाब देते हुए अपना बयान दिया और कंपनी की एक प्रेजेंटेशन-प्लेट भी साझा की. इसपर साफ तौर से लिखा है कि जून महीने के मध्य से ये दवा सरकारी और प्राईवेट अस्पताल में मिलनी शुरू हो जाएगी. इसके अलावा कंपनी के मुताबिक, दवा का रेट भी तय किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को ये आसानी से उपलब्ध हो सके.
कंपनी ने साफ तौर से कहा कि अगर अस्पताल, संस्थान या फिर किसी और को दवा के बारे में कोई जानकारी लेनी है तो वो कंपनी के दिए ईमेल (2DG@drreddy.com) पर संपर्क करे. लैब ने साफ तौर से कहा कि व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर प्रचलित भ्रामक पोस्ट और मैसेज पर ध्यान ना दें. दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी पोस्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि जिन मरीजों को 2डीजी दवा की जरूरत है, वे अपने अस्पताल से डाक्टर रेड्डीज़ लैब के दो ईमेल पर संपर्क करें. वायरल पोस्ट में दो ईमेल आईडी भी दिए हुए थे. लेकिन कंपनी ने अपने बयान में इस तरह के ईमेल और पोस्ट को सिरे से खारिज कर दिया है.
आपको बता दें 8 मई को देश के प्रमुख रक्षा संस्थान, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाईजेशन (डीआरडीओ) ने एंटी-कोविड मेडिसन, 2डीजी बनाने का दावा किया था. दिल्ली स्थित डीआरडीओ की इंस्टीट्यूट ऑफ न्युक्लिर मेडिसन एंड एलाइड साईंसेज़ (इनामस) लैब ने रेड्डीज़ लैब के साथ मिलकर ये 2-डियोक्सी-डी-ग्लूकोज़ यानि 2डीजी दवाई तैयार की है. डीआरडीओ के मुताबिक, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 2डीजी के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे दी है. इसके बाद 17 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने इस दवा का पहला बैच एम्स और सेना द्वारा संचालित कोविड अस्पतालों के लिए रिलीज कर दिया था. पहले बैच में करीब 10 हजार सैशे जारी किए गए हैं. जून के महीने से हर हफ्ते, कंपनी करीब एक लाख सैशे तैयार करेगी.
ग्लूकोज़ के एनेलोग पहली ये 2डीजी दवा सैशे के रूप में सामने आई है और पानी मे घोलकर मरीज को पिलाई जाती है. डीआरडीओ का दावा है कि इस दवा के सेवन से मरीज को 40 प्रतिशत कम ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है और वो कोरोना से छुटकारा पा सकता है.